A Simple Key For sidh kunjika Unveiled
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः
नवरात्रि में देवी को प्रसन्न करने के लिए इसका पाठ करें. जानते हैं सिद्ध कुंजिका पाठ की विधि और लाभ.
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
यस्तु कुञ्जिकया देवि हीनां सप्तशतीं पठेत् ।
क्लींकारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते।
कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।
दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि
श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
ऐंकारी सृष्टिरूपायै ह्रींकारी प्रतिपालिका ।
मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम्।
जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे।
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जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ ७ ॥